मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में शिमला में आयोजित की गई मंत्रिमंडल की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। बैठक में हिमाचल में आयुर्वेद क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार ने आयुष नीति- 2019 को लागू करने की मंजूरी दी है। इन्वेस्टर मीट के चलते आयुर्वेद क्षेत्र को मजबूत और पूंजीपतियों को आकर्षित करने के लिए यह फैसला लिया गया है। इस नीति के तहत हिमाचल के लोगों को किफायती दरों पर आयुष सेवाएं उपलब्ध होंगी। प्रदेश के आयुष अस्पतालों और औषधालयों को सुदृढ़ किया जाएगा। इस नीति का प्रमुख उद्देश्य द्वितीय एवं तृतीय स्तर पर आयुष चिकित्सा पद्धति को सुदृढ़ कर रोगियों को आयुर्वेद स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार के लिए प्रेरित करना है।


आयुष यूनिट स्थापित करने के लिए सब्सिडी और स्टांप ड्यूटी में भी छूट मिलेगी। सरकार पहली बार प्रदेश में आयुष नीति लेकर आई है। आयुष एवं आरोग्य क्षेत्र में संभावित निवेशकों के लिए आकर्षक प्रोत्साहनों को इसमें शामिल किया है। लोगों की आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली से इलाज कराने के लिए सरकार ने आयुष नीति पर जोर देने का फैसला लिया है। इस नीति के तहत आयुष थेरेपी यूनिट स्थापित करने को पूंजी सब्सिडी पर 25 प्रतिशत का प्रावधान किया है। यह अधिकतम एक करोड़ तक हो सकता है। इसमें भूमि पर किया गया खर्च शामिल नहीं होगा और ऋण पर चार प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा। यह प्रति वर्ष अधिकतम 15 लाख होगा। 7 वर्षों के लिए 75 प्रतिशत की दर से शुद्ध एसजीएसटी प्रतिपूर्ति की सुविधा दी जाएगी। 

ऊर्जा बचत, पर्यावरण संरक्षण तथा महिला उद्यमियों के लिए भी विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त हिमाचली लोगों को रोजगार प्रदान करने के लिए सहायता दी जाएगी। हिमाचल के लोगों को यूनिट व परियोजनाएं स्थापित करने के लिए लीज रेंट और स्टांप ड्यूटी पर छूट दी जाएगी। यह इसलिए कि हिमाचल के लोग इस योजना का लाभ उठा सकें। मंत्रिमंडल ने ग्लोबल इन्वेस्टर मीट से पहले आईटी क्षेत्र की कंपनियों को अच्छा माहौल प्रदान करने के लिए मंत्रिमंडल ने नई आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम नीति 2019 को भी मंजूरी दी। इस नीति के जरिये हिमाचल को इन क्षेत्रों में निवेश के लिए देश का प्रमुख क्षेत्र बनाने का प्रयास किया जाएगा। इस नीति में अधोसंरचना प्रोत्साहन प्रणाली विकसित करने की परिकल्पना की गई है जो आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम कंपनियों की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके।


हिमाचल में पर्यटन उद्योग लगाने को अब गैर कृषक भी जमीन खरीद सकेंगे। जयराम सरकार ने प्रदेश काश्तकारी एवं भू सुधार नियमों में संशोधन कर दिया है। शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में संशोधन को मंजूरी दी गई। राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश काश्तकारी एवं भू सुधार नियमों के नियम 38(ए)3(एफ) के प्रावधानों के तहत प्रदेश में पर्यटन उद्योग स्थापित करने के इच्छुक गैर कृषकों को राज्य में भूमि खरीदने के उद्देश्य से अनिवार्यता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए पर्यटन विभाग के संशोधित मापदंडों को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इच्छुक निवेशक को अपनी पर्यटन परियोजना की प्रारंभिक परियोजना रिपोर्ट पर्यटन विभाग के निदेशक को सौंपनी होगी, जिसके लिए वह अनिवार्यता प्रमाण पत्र चाहता है। विभागीय निदेशक संबंधित पर्यटन परियोजना के लिए आवश्यक भूमि का आकलन करेंगे। इस संशोधन से निवेशकों को धारा 118 के तहत जमीन खरीदने में आसानी होगी। दो बार अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं लेने पड़ेंगे। 

रीयल एस्टेट सेक्टर को नियंत्रित व प्रोत्साहित करने के लिए रीयल स्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के गठन को मंजूरी दी। साथ ही रेरा में चेयरमैन व सदस्य समेत विभिन्न श्रेणी के 46 पदों को सृजित करने की भी मंजूरी दी है।  मंत्रिमंडल बैठक में मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना को स्वीकृति दी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को आजीविका जुटाना प्रमुख उद्देश्य है। पारंपरिक हस्तशिल्प, हथकरघा और शिल्पकारों को संरक्षण मिलेगा। मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना प्रदेश के अधिकांश जिलों में लागू की जाएगी। सरकार ग्रामीण इलाकों में आजीविका के साधन बढ़ाने को यह योजना शुरू करेगी। 


केंद्र सरकार माइक्रो, लघु और मध्यम दर्जे के उद्योग हिमाचल में स्थापित करवाने के पक्ष में है। सरकार इन उद्योगों में निवेशकों को ज्यादा सुविधाएं दे रही है। प्रदेश के हस्तशिल्प, हथकरघा और शिल्पकारों की अलग पहचान है। हिमाचल में हाथ से तैयार सामान की देश-विदेश में काफी मांग है। इस क्षेत्रों आधुनिक मशीनों का उपयोग और लोगों को प्रशिक्षण देकर उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। ऐसे तैयार सामान का निर्यात भी किया जा सकता है। हिमाचली शॉल और चंबा रुमाल, चुग, शहद, लकड़ी का सजावटी समान आदि मांग काफी रहते हैं।

पूर्व पीएम भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की सेवाओं के सम्मान में शिमला और मनाली में प्रतिमा स्थापित होंगी। मंत्रिमंडल ने नशे के चंगुल में फंसे युवाओं के पुनर्वास के उद्देश्य से बिलासपुर, सोलन, कुल्लू, शिमला और नूरपुर में एकीकृत पुनर्वास केंद्र खोलने का निर्णय लिया। इन केंद्रों में नशे से प्रभावित युवाओं के उपचार की सुविधा होगी। 

मंत्रिमंडल ने बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान के उद्देश्य से शिमला की जुब्बल तहसील के अंटी पटवार वृत्त के मोहाल चिंग धर्माणा में पशुपालन विभाग की वन भूमि को श्रीमद्भगवत गीता प्रचार और जन जागरण सभा ननखड़ी जिला शिमला को गौसदन के निर्माण के लिए हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है। मंत्रिमंडल बैठक में मंडी में न्यू डेवलपमेंट बैंक के लिए इंजीनियर-इन-चीफ (प्रोजेक्ट) के अंतर्गत परियोजना प्रबंधन इकाई स्थापित करने को मंजूरी दी गई। कांगड़ा के फतेहपुर से इंजीनियर-इन-चीफ (प्रोजेक्ट) का पद मौजूदा स्टाफ  सहित स्थानांतरित किया जाएगा। प्रदेश ग्रामीण जल आपूर्ति परियोजना को भी स्टाफ  के साथ शिमला से मंडी स्थानांतरित किया जाएगा।

मंत्रिमंडल बैठक में शुक्रवार को नौकरियों का पिटारा खोला गया। मंत्रिमंडल ने विभिन्न विभागों के विभिन्न श्रेणी के 129 पद भरने की मंजूरी दी। बैठक में मंडी के ढीम कटरू, धरोट, सरोआ, बागाचनोगी, मुरह और सैंज तथा कुल्लू के मंगलौर में राजकीय रेशम उत्पादन केंद्र स्थापित करने व इनके समुचित प्रबंधन के लिए सेरीकल्चर इंस्पेक्टर और माली व बेलदार के सात सात पद सृजित करने का निर्णय भी लिया गया। मंत्रिमंडल ने उद्योग विभाग में अनुबंध आधार पर विस्तार अधिकारी (उद्योग) के छह पद भरने, बिलासपुर के झंडूता में नया फायर सबस्टेशन स्थापित कर विभिन्न श्रेणियों के 23 पद सृजित करने की मंजूरी दी।


मंडी के पुलिस थाना गोहर के अंतर्गत कांडा-बगशयाड, शरण तथा मुरहग पंचायतें पुलिस थाना जंजैहली में शामिल होंगी। लाल बहादुर शास्त्री राजकीय मेडिकल कॉलेज नेरचौक में राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से विभिन्न संकाय के 15 पद भरने, लोक निर्माण विभाग में तहसीलदार के तीन पदों के सृजन एवं भरने का निर्णय लिया।

इसके अतिरिक्त कांगड़ा जिले के हरिपुर और ऊना के बंगाणा मंडल के डेरा बाबा रूद्रू (बसाल) में पीडब्ल्यूडी का नया उपमंडल सृजित होगा। मंडी की सुंदरनगर तहसील के अंतर्गत डैहर में निरीक्षण कूटीर और विश्राम गृह में अतिरिक्त कमरों के निर्माण को स्वीकृति दी गई।

मंत्रिमंडल ने स्टेट एजुकेशन सोसायटी के तकनीकी स्टाफ का लोक निर्माण एवं सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में विलय करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सहायक अभियंता नागरिक, कनिष्ठ अभियंता नागरिक और कनिष्ठ प्रारूपकार के पदों के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में एक मुश्त छूट दी जाएगी। बैठक में कांगड़ा के इंदौरा, धीरा तथा चंबा के पांगी के उपमंडलीय निर्वाचन कार्यालयों में विभिन्न श्रेणियों के पांच पद सृजित करने का निर्णय लिया गया है।


केंद्र सरकार की तर्ज पर हिमाचल के सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को कैबिनेट ने अब जलशक्ति विभाग नाम दिया है। प्रदेश निर्वाचन विभाग में निर्वाचन कानूनगो के 13 पद भरने का निर्णय लिया गया है। यह पद अनुबंध आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाएंगे। भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में छूट देते हुए नगर नियोजन विभाग में योजना अधिकारियों के तीन पद भरने को स्वीकृति प्रदान की गई है। बागवानी विभाग में सीधी भर्ती के माध्यम से अनुबंध आधार पर स्किल्ड ग्राफ्ट्स के नौ पद भरने को भी मंजूरी प्रदान की गई।

गृह रक्षा और नागरिक सुरक्षा विभाग में प्लाटून कमांडर के चार पद भरने का निर्णय लिया गया है। एमबीबीएस और बीडीएस इंटर्न का स्टाइपंड 15 हजार से बढ़ाकर 17 हजार किया गया। सरकार ने शहरी गरीबों को घर और स्लम के पुनर्वास के लिए किफायती आवास नीति को मंजूरी भी दी।

मंत्रिमंडल ने 31 मार्च व 30 सितंबर 2019 तक व्यवधान रहित आठ साल की सेवा करने वाले हजारों अंशकालिक कर्मचारियों को दैनिक भोगी कर्मी में परिवर्तित करने की अनुमति दे दी। साथ ही इसी अवधि तक तीन साल का अनुबंध कार्यकाल पूरा करने वाले कर्मचारियों को नियमित करने की भी मंजूरी दी गई। करुणामूलक आधार पर नौकरी पाने का इंतजार करने वालों को भी सरकार ने सौगात दी है। अब इस श्रेणी के तहत नौकरी का आवेदन करने के लिए आय सीमा सवा दो लाख से बढ़ाकर ढाई लाख की गई। 

हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर में विभिन्न श्रेणियों के 34 पद भरने का निर्णय भी लिया गया है। एनएफ एसए श्रेणियों सहित सभी राशन कार्ड धारकों को मिलेगा फोर्टिफाइड गेहूं का आटा। मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार की माता स्वर्णा देवी परमार के निधन पर शोक व्यक्त किया और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।


प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हिमाचल में 4000 लोगों को आवास उपलब्ध कराए जाएंगे। कॉलोनियां बनाने को 90 फीसदी केंद्र और 10 फीसदी राशि प्रदेश सरकार वहन करेगी। यह कॉलोनियां प्रदेश के सभी जिलों में बनेंगी। शुक्रवार को मंत्रिमंडल बैठक में वहन योग्य आवासीय नीति- 2019 को मंजूरी दी गई। योजना के मुख्य उद्देश्य शहरी गरीबों के पुनर्वास और सभी नई आवासीय परियोजनाओं में मिश्रित आवासीय विकास को प्रोत्साहित करना है। यह आवासीय सुविधा शहरी क्षेत्रों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों को मिलेगी। जरूरी नहीं कि व्यक्ति शहरी आईआरडीपी से संबंधित हो। इसमें इनकम का मापदंड भी देखा जाएगा। इनकम के लिए सरकार ने अलग अलग ग्रुप बनाए हैं। इसमें सालाना तीन लाख और छह लाख रुपये तक को शामिल किया गया है।  

डिपुओं में मिलेगा कैल्शियम-आयरनयुक्त आटा
 हिमाचल के साढ़े 18 लाख राशनकार्ड उपभोक्ताओं को डिपो में पौष्टिक तत्व वाली खाद्य वस्तुएं मिलेंगी। अभी डिपो में साधारण खाद्य वस्तुओं की सप्लाई होती है। अब आटा कैल्शियम और आयरन (फोर्टिफाइड) युक्त होगा। शुक्रवार को कैबिनेट बैठक ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।  
अब हिमाचल सरकार ने तेल और आटे में भी यह पौष्टिक तत्व मिलाने का फैसला लिया है। हिमाचल में साढ़े 12 लाख एपीएल परिवार हैं, जिन्हें डिपो में आटा मिलता है, जबकि साढ़े पांच लाख बीपीएल परिवार हैं, जिन्हें गेहूं दिया जा रहा है। सरकार का मानना है कि डिपो में मिलनी वाली खाद्य वस्तुओं में अगर कैल्शियम और आयरन मिलाया जाता है तो महिलाओं और बच्चों में खून की कमी दूर हो सकेगी।