धनतेरस कब है): कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि उत्पन्न हुए थे। इनके उत्पन्न होने के समय इनके हाथ में एक अमृत कलश था जिस कारण धनतेरस पर बर्तन खरीदने का भी रिवाज है।

Dhanteras 2019 Date in India (धनतेरस कब है): धनतेरस से दिवाली पर्व की शुरुआत होती है जो भाई दूज तक रहती है। धनतेरस पर माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर के साथ भगवान धन्वंतरि की भी पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन नया समान जैसे सोना, चांदी औप बर्तन की खरीदारी करने से पूरे साल मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। धनतेरस के मौके पर सोने के खरीदारी का विशेष प्रचलन है। इस बार धनतेरस का पर्व 25 अक्टूबर यानी आज है।

क्यों मनाते हैं धनतेरस? कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि उत्पन्न हुए थे। इनके उत्पन्न होने के समय इनके हाथ में एक अमृत कलश था जिस कारण धनतेरस पर बर्तन खरीदने का भी रिवाज है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से उसमें तेरह गुणा वृद्धि होती है। धनतेरस पर कई लोग धनिया के बीज भी खरीदते हैं। पिर दिवाली वाले दिन इन बीजों को लोग अपने बाग-बगीचों में बोते हैं।

Dhanteras Historic Significance: 13 वर्षों तक समुद्र मंथन के बाद अव​तरित हुए थे भगवान धन्वंतरि
मान्यता है कि जब समुद्र मंथन से चौदह रत्न निकले थे तो भगवान धनवंतरी भी उनमें से एक थे। 13 वर्षों तक समुद्र मंथन के बाद कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को 14वें रत्न भगवान धनवंतरी अवतरित हुए। उन्हीं की पूजा के लिए धनतेरस मनाया जाता है। इस दिन घर की मंगल कामना के लिए देहरी पर दीपक जलाएं।

क्यों मनाया जाता है धनतेरस का पर्व :
माना जाता है कि धनतेरस के दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वन्तरि का जन्म हुआ था। इसलिए धनतेरस को धन्वन्तरि जी के जन्मदिवस के रूप में भी मनाया जाता है । भगवान धन्वन्तरि देवताओं के चिकित्सक माने जाते हैं। इसलिए इस दिन चिकित्सकों के लिये विशेष महत्व रखता है। कुछ समय से इस दिन को 'राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस' के रूप में भी मनाया जाने लगा है। जैन धर्म में धनतेरस को ''धन्य तेरस या ध्यान तेरस'' भी कहते हैं। क्यूंकि इस दिन भगवान महावीर ध्यान में गए थे और तीन दिन बाद दिवाली के दिन निर्वाण को प्राप्त हुए थे।
Dhanteras 2019 Date: धनतेरस पर जानें ये चीजें
धनतेरस के दिन मृत्‍यु के देवता यमराज की पूजा भी की जाती है। इस दिन संध्‍या के समय घर के मुख्‍य दरवाजे के दोनों ओर अनाज के ढेर पर मिट्टी का बड़ा दीपक रखकर उसे जलाएं। दीपक का मुंह दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। दीपक जलाते समय इस मंत्र का जाप करें: मृत्‍युना दंडपाशाभ्‍यां कालेन श्‍याम्‍या सह।त्रयोदश्‍यां दीप दानात सूर्यज प्रीयतां मम।।

धनतेरस (Dhanteras) से जुड़ी वो बातें जिसकी जानकारी आपको रखनी चाहिए
धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। मान्‍यता है कि उनकी पूजा करने से व्‍यक्ति को जीवन के हर भौतिक सुख की प्राप्‍ति होती है। इस दिन भगवान कुबेर की प्रतिमा या फोटो धूप-दीपक दिखाकर पुष्‍प अर्पित करें। फिर दक्षिण दिशा की ओर हाथ जोड़कर सच्‍चे मन से इस मंत्र का उच्‍चारण करें: ॐ  श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्‍लीं श्रीं क्‍लीं वित्तेश्वराय नम: